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अब गुम हुए फोन को ढूंढना और ब्लॉक करना हुआ आसान, सरकार लाई है ये नया सिस्टम…

अगर आपका भी मोबाइल चोरी या गुम हो गया है तो आपके लिए अच्छी खबर है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने आखिरकार सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्ट्री (CEIR) नामक अपनी ब्लॉक खोई या चोरी हुई फोन सर्विस को पूरे देश के लिए लाइव कर दिया है. यह सर्विस यूजर को अन्य मोबाइल नेटवर्क के साथ इस्तेमाल किए जाने से रोकने के लिए अपने फोन पर नेटवर्क सर्विस को ब्लॉक करने की अनुमति देती है.

गुम या चोरी हुआ मोबाइल वापस पाना ग्राहकों के लिए आसान होगा. सभी मोबाइल का डेटाबेस रखने वाला Central Idenity Register बनकर तैयार हो गया है. CEIR में वे सभी स्मार्टफोन्स रजिस्टर होंगे, जिन्हें आधिकारिक रूप से स्मार्टफोन ब्रैंड्स की ओर से लॉन्च और मैन्युफैक्चर किया गया है. इसका मकसद बिना IMEI नंबर वाले और चोरी हुए स्मार्टफोन्स के इस्तेमाल को रोकना है. बता दें, CEIR को सबसे पहले दादरा और नागर हवेली, गोवा और महाराष्ट्र में 13 सितंबर, 2019 को लॉन्च किया गया था. इसके बाद 30 दिसंबर, 2019 में दिल्ली में भी इसे लॉन्च करते हुए रजिस्ट्री तैयार की गई थी. खास बात यह है कि रजिस्ट्री में शामिल होने वाले स्मार्टफोन्स का गलत इस्तेमाल रिमोटली रोका जा सकेगा और इसके लिए लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा.

सीईआईआर में देश के हरेक नागरिक का मोबाइल मॉडल, सिम नंबर और IMEI नंबर है. मोबाइल मॉडल पर निर्माता कंपनी द्वारा जारी IMEI नंबर के मिलान का तंत्र सी-डॉट ने ही तैयार किया है. इस तंत्र को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जाएगा. साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों भी इसमें भूमिका निभाएंगी. मोबाइल के चोरी या गुम होने पर शिकायत 14422 नंबर मिलाने पर दर्ज होते ही पुलिस और सेवा प्रदाता CEIR से मोबाइल मॉडल और IMEI का मिलान करेंगी. अगर मोबाइल में IMEI बदला जा चुका होगा तो सेवा प्रदाता सेवाएं बंद कर देंगी. हालांकि सेवाएं बंद होने के बावजूद पुलिस मोबाइल ट्रैक कर सकेगी.

यूजर डिवाइस को ब्लैकलिस्ट करवाने के लिए CEIR के वेब पोर्टल ceir.gov.in पर जाकर IEMI नंबर के साथ रिक्वेस्ट कर सकेंगे. इसके लिए पुलिस FIR की एक कॉपी, मोबाइल खरीदने के दौरान मिली रसीद और डिवाइस से जुड़ी जानकारी के अलावा ID प्रूफ भी देना होगा. इसके बाद खोए या चोरी हुए फोन को ब्लैकलिस्ट करने की रिक्वेस्ट रजिस्टर की जा सकेगा. यह रिक्वेस्ट स्वीकार होने के बाद 24 घंटे के अंदर डिवाइस काम करना बंद कर देगा और भारत में कोई मोबाइल नेटवर्क इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.

अगर यूजर को उसका फोन वापस मिल जाता है तो CEIR की वेबसाइट पर इसे अनब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट सबमिट की जा सकेगी. इसके बाद डिवाइस पहले की तरह काम करने लगेगा. शुरू में चुनिंदा प्रदेशों में लॉन्च होने के बाद CEIR को अब देशभर में सभी राज्यों में लॉन्च कर दिया गया है. इसकी मदद से चोरी हुए या खोए मोबाइल को ब्लॉक करने, फोन मिलने की स्थिति में उसे अनब्लॉक करने, रिक्वेस्ट का स्टेटस चेक करने, IMEI वेरिफिकेशन और Know Your Mobile (KYM) स्टेटस चेक करने जैसे काम किए जा सकेंगे.

याद रहे बीते कुछ सालों से रोजाना हजारों मोबाइल की चोरी और लूट की घटनाओं को देखते हुए दूरसंचार मंत्रालय ने सी-डॉट को यह तंत्र विकसित करने को कहा था. मंत्रालय के एक सर्वे में सामने आया था कि देश में एक ही IMEI नंबर पर 18 हजार हैंडसेट चल रहे हैं. गौरतलब है कि IMEI बदलने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. गतवर्ष दूरसंचार मंत्रालय ने मोबाइल चोरी, झपटमारी और गुम होने की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर टेलीग्राफ एक्ट में संशोधन किया था. इसके तहत IMEI से छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ पुलिस और एजेंसिया मुकदमा दर्ज कर सकती हैं जो दंडात्मक है.

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